नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) अमेरिका के चीन के शिनजिआंग क्षेत्र से कपास के आयात पर पाबंदी से भारतीय कपड़ा क्षेत्र के लिये नये अवसर सृजित हुए हैं। इससे देश के सूती परिधान क्षेत्र के लिये निर्यात को बढ़ावा देने के नये अवसर खुले हैं। कपड़ा निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने शुक्रवार को यह कहा।
अमेरिका ने श्रम बल से जबरन काम लिये जाने के आरोपों को लेकर जनवरी में चीन के शिनजिआंग क्षेत्र से सूती उत्पादों के आयात पर पाबंदी लगाये जाने की घोषणा की थी। शक्तिवेल ने कहा कि एईपीसी ने चीन से अमेरिका को निर्यात किये जाने वाले 20 कपास परिधान उत्पादों को चिन्हित किया है।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘हमने प्रतिबंध के बाद अमेरिकी बाजार में माल की कमी को पूरा करने के लिये अपने सदस्यों के साथ सूची साझा की है। चीन के शिनजिआंग क्षेत्र से सूती कपड़ों के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंध ने भारतीय वस्त्रों के लिए अवसर प्रदान किए हैं। हालांकि इसके लिये जरूरी है कच्चे माल की कीमतों में स्थिरता बनी रहे।’’ उन्होंने कपास और धागों की कीमतों में उतार-चढ़ाव को लेकर चिंता जतायी। इससे देश से परिधान निर्यात पर असर पड़ रहा है।
शक्तिवेल ने कपड़ा मंत्रालय से मूल्य वर्धित निर्यात पर प्रोत्साहन तथा कच्चे माल के निर्यात को हतोत्साहित करने जैसे कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भारतीय कपास परिषद (सीसीआई) को 70 प्रतिशत कपास स्थानीय विनिर्माताओ को उपलब्ध कराने चाहिए। इससे मूल्य वर्धित निर्यात, निवेश और रोजगार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
हम आपको दुनिया भर से बेहतरीन लेख और अपडेट मुहैया कराने के लिए चौबीस घंटे काम करते हैं। आप निर्बाध पढ़ सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी टीम अथक प्रयास करती है। लेकिन इन सब पर पैसा खर्च होता है। कृपया हमारा समर्थन करें ताकि हम वही करते रहें जो हम सबसे अच्छा करते हैं। पढ़ने का आनंद लें
सहयोग करें
POST COMMENTS (0)