वाशिंगटन,16 अक्टूबर (एपी) : अमेरिका और उसके सहयोगी देश ईरान पर बंद पड़ी परमाणु वार्ता को दोबारा शुरू करने और बातचीत के लिए राजी होने का दबाव बना रहे हैं। देशों ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर वह अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखता है तो वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अलग-थलग पड़ सकता है, उसे नए आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है और यहां तक की उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई भी की जा सकती है।
वाशिंगटन में इस सप्ताह अमेरिका, यूरोप, इजराइल और अरब के अधिकारियों की राजनयिक स्तर की कई बैठकों में इस बात पर सहमति बनी कि ईरान को यह स्पष्ट कर दिया जाए कि विएना में वार्ता में शामिल होने की उसकी लगातार इनिच्छा को अनदेखा नहीं किया जाएगा या इसके लिए उसे दंडित नहीं किया जाएगा।
यह सहमति उन चिंताओं के बीच बनी है कि तेहरान बातचीत करने का इच्छुक नहीं है,जिनका मकसद अमेरिका और ईरान को उन समझौतों की ओर वापस लाना है,जिनपर पर वर्ष 2015में सहमति बनी थी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बाद में अपने देश को इस समझौते से अलग कर लिया था और इसके बाद ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर कोई नीति स्पष्ट नहीं रह गई थी।
देश के वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने पदभार संभालने के कुछ ही वक्त बाद इस समझौते में अमेरिका के वापस शामिल होने की घोषणा की थी। ईरान के लिए अमेरिका के विशेष दूत रॉबर्ट मिले खाड़ी के अरब देशों के साथ ईरान को लेकर बातचीत कर रहे हैं वहीं संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानीकर्ता राफेल ग्रोसी आगे की बातचीत के लिए अगले सप्ताह अमेरिका में होंगे। ईरान ने संकेत दिए हैं कि वह अमेरिका के साथ फिर से बातचीत करेगा, लेकिन अभी संबंध में तारीख की घोषणा नहीं की है।
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