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तालिबान के कब्जे के बाद हजारों अफगान देश छोड़ रहे, पाकिस्तानी मानव तस्करों की चांदी


शुक्र, 20 अगस्त 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

कराची, 19 अगस्त (भाषा) अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद बड़ी संख्या में अफगान नागरिक देश से बाहर जाने के लिए प्रयासरत हैं। ऐसे में अफगानिस्तान की सीमा से लगे क्षेत्रों में सक्रिय पाकिस्तानी मानव तस्करों के कारोबार में खासी वृद्धि हुयी है।

तालिबान के शासन से बचने के लिए हजारों अफगान देश से भाग रहे हैं और बेहतर जीवन की तलाश में अमेरिका और यूरोप सहित विभिन्न देशों में शरण मांग रहे हैं।

अफगानिस्तान से लगती चमन-स्पिन बोल्डक सीमा के पास एक छोटे से कस्बे से ‘काम कर रहे’ हमीद गुल ने टेलीफोन पर पीटीआई से कहा, “तालिबान के काबुल में प्रवेश करने से पहले से ही कारोबार फल-फूल रहा है। हमने पिछले हफ्ते से अब तक सीमा पार से करीब 1,000 लोगों की तस्करी की है।’’

हालांकि गुल ने यह नहीं बताया कि वे अफगान लोगों को पाकिस्तान में लाने के लिए कितने पैसे लेते हैं। लेकिन गुल ने यह भी पुष्टि की कि उसके जैसे कई अन्य लोग सीमावर्ती शहरों से काम कर रहे हैं।

गुल ने कहा, ‘ये लोग इस बात से डर रहे हैं कि तालिबान शासन में क्या होगा ? वे किसी भी तरह से अफगानिस्तान से बाहर निकलना चाहते हैं और इसके लिए जो कुछ भी मांगा जाता है, वे लोग भुगतान करने को तैयार हैं।’’

मानव तस्करी में शामिल गिरोहों से वाकिफ एक सूत्र ने कहा कि ऐसे लोग ज्यादातर अशांत बलूचिस्तान प्रांत के चमन, चाघी और बदानी जैसे सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय हैं। सूत्र ने कहा कि अधिकतर अनौपचारिक शरणार्थी पाकिस्तान में प्रवेश करने के बाद क्वेटा या अन्य पाकिस्तानी शहरों में चले जाते हैं। उनमें से कुछ लोगों के पहले से ही कराची या क्वेटा में काम करने वाले रिश्तेदार हैं जो उनका समर्थन करते हैं।

क्वेटा से एक साहित्यिक पत्रिका चलाने वाले डॉ शाह मुहम्मद मारी ने कहा कि तालिबान के सत्ता में आने से पहले से ही अफगान नागरिकों की तस्करी होती रही है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि सिर्फ इस साल करीब 55,000 अफगान नागरिक बलूचिस्तान के रास्ते पाकिस्तान में आए हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं हैं। वे लोग वहां युद्ध और टकराव से भागना चाहते हैं।’

भाषा अविनाश मनीषा

मनीषा




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POST COMMENTS (2)

jabar Singh jodha

अगस्त 20, 2021
अफगानी लोग युद्ध व अशांति के चलते अफगानिस्तान छोड़ रहे हैं लेकिन भारत देश से काफी तादाद में लोग अमन व शांति के लिए इस्लामिक मुस्तफा बनें अफगानिस्तान में जाना चाहते हैं सरकार को इन पर रहम कर इनको पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए

tarun n. jobanputra

अगस्त 20, 2021
बेचारे अफघानी लोगो और खास कर महिलाऐ और बच्चो की अनुकंपा ( दया , करूणा ) से चींता होती हे. पाकिस्तानीओ को उनके कीये की सजा मीलनी ही चाहीऐ.

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