• 26 November, 2024
Foreign Affairs, Geopolitics & National Security
MENU

अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन ‘समावेशी नहीं हुआ, मान्यता पर सोच-समझकर फैसला किया जाए: मोदी


शनि, 18 सितम्बर 2021   |   3 मिनट में पढ़ें

नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन ‘‘समावेशी’’ नहीं हुआ है, लिहाजा नयी व्यवस्था की स्वीकार्यता पर सवाल उठते हैं और इस परिस्थिति में उसे मान्यता देने के बारे में वैश्विक समुदाय को ‘‘सामूहिक’’ और ‘‘सोच-विचार’’ कर फैसला करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने साथ ही यह चेताया कि अगर अफगानिस्तान में ‘‘अस्थिरता और कट्टरवाद’’ बना रहेगा तो इससे पूरे विश्व में आतंकवादी और अतिवादी विचारधाराओं को बढ़ावा मिलेगा।

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के 21वें शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए अपने डिजिटल संबोधन में कहा कि वहां की भूमि का इस्तेमाल किसी भी देश में आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के हाल के घटनाक्रम का सर्वाधिक प्रभाव भारत जैसे उसके पड़ोसी देशों पर होगा और साथ ही उन्होंने सीमापार आतंकवाद तथा आतंकवाद के वित्त पोषण पर लगाम कसने के लिए कायदे कानून बनाने की वकालत की।

ज्ञात हो कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के कुछ ही दिनों के भीतर तालिबान ने वहां कब्जा जमा लिया है।

बिना तालिबान का नाम लिए प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान के हाल के घटनाक्रमों से मुख्य रूप से चार प्रकार की चिंताएं सामने आई हैं, जिनके बारे में विश्व समुदाय को सोचना होगा।

उन्होंने कहा कि पहला मुद्दा अफगानिस्तान में सत्ता-परिवर्तन का है, जो ‘‘समावेशी’’ नहीं है और बिना वार्ता के हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे नई व्यवस्था की स्वीकार्यता पर सवाल उठते हैं। महिलाओं और अल्पसंख्यकों सहित अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व भी महत्वपूर्ण है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह आवश्यक है कि नयी व्यवस्था को मान्यता देने पर वैश्विक समुदाय सोच समझ कर और सामूहिक रूप से फैसला ले।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पड़ोसी देश के ताजा घटनाक्रमों को देखते हुए इस मामले में क्षेत्रीय फोकस और सहयोग आवश्यक है।

उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम का सबसे अधिक प्रभाव हम जैसे पड़ोसी देशों पर होगा। और इसलिए इस मुद्दे पर क्षेत्रीय फोकस और सहयोग आवश्यक है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने चेताया कि अगर अफगानिस्तान में ‘‘अस्थिरता और कट्टरवाद’’ बना रहेगा तो इससे पूरे विश्व में आतंकवादी और अतिवादी विचारधाराओं को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘अन्य उग्रवादी समूहों को हिंसा के माध्यम से सत्ता पाने का प्रोत्साहन भी मिल सकता है। इससे ड्रग्स, अवैध हथियारों और मानव तस्करी का अनियंत्रित प्रवाह बढ़ सकता है। बड़ी मात्रा में आधुनिक हथियार अफगानिस्तान में रह गए हैं और इनके कारण पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का खतरा बना रहेगा।’’

मोदी ने कहा कि एसएसीओ के सदस्य देशों को इस विषय पर एक सख्त और सभी के लिए नियम कायदे बनाने चाहिए और वह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग का हिस्सा भी बन सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यह नियम आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने के सिद्धांत पर बन सकते हैं।

साथ ही उन्होंने रेखांकित किया कि सीमापार आतंकवाद और आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने के लिए भी आचार संहिता होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘और उन्हें लागू करने के लिए एक तंत्र भी होना चाहिए।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में गंभीर मानवीय संकट है और वित्तीय प्रवाह में रुकावट के कारण अफगानिस्तान की जनता की आर्थिक विवशता बढ़ती जा रही है तथा साथ ही कोरोना की चुनौती भी उनके लिए यातना का कारण है।

उन्होंने कहा, ‘‘विकास और मानवीय सहायता के लिए भारत बहुत वर्षों से अफगानिस्तान का विश्वस्त सहयोगी रहा है। मूलभूत संरचनाओं से ले कर शिक्षा, सेहत और क्षमता निर्माण तक हर क्षेत्र में और अफगानिस्तान के हर भाग में हमने अपना योगदान दिया है।’’

उन्होंने कहा कि आज भी ‘‘हम अपने अफगान मित्रों’’ तक खाद्य सामग्री, दवाइयां आदि पहुंचाने के लिए इच्छुक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को मिल कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान तक मानवीय सहायता निर्बाध तरीके से पहुंच सके।’’

**********




चाणक्य फोरम आपके लिए प्रस्तुत है। हमारे चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें (@ChanakyaForum) और नई सूचनाओं और लेखों से अपडेट रहें।

जरूरी

हम आपको दुनिया भर से बेहतरीन लेख और अपडेट मुहैया कराने के लिए चौबीस घंटे काम करते हैं। आप निर्बाध पढ़ सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी टीम अथक प्रयास करती है। लेकिन इन सब पर पैसा खर्च होता है। कृपया हमारा समर्थन करें ताकि हम वही करते रहें जो हम सबसे अच्छा करते हैं। पढ़ने का आनंद लें

सहयोग करें
Or
9289230333
Or

POST COMMENTS (1)

Shailendra

सितम्बर 19, 2021
शी जिनपिंग, कान खोल के सुन, चीन हमारे पूर्वज मल मूत्र विसर्जन करने जाते है, इस लिए वो दस हजार साल पहले से भारत का हिस्सा था, जो में ले के रहूंगा ।

Leave a Comment

प्रदर्शित लेख