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अफगान भूमि का उपयोग दूसरे देशों में आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए: रूस


मंगल, 07 सितम्बर 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

नयी दिल्ली, छह सितंबर (भाषा) रूस के राजदूत निकोलाय कुदाशेव ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग क्षेत्र के दूसरे देशों में आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए तथा रूस और भारत दोनों की अफगानिस्तान में बन रहे हालात की पृष्ठभूमि में साझा चिंताएं हैं।

अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम के प्रभावों पर रूसी राजदूत ने कहा कि रूस के क्षेत्र और कश्मीर में आतंकवाद बढ़ने का खतरा है। उन्होंने कहा कि भारत तथा रूस आतंकवाद के किसी भी खतरे से निपटने के लिए काम करते रहेंगे।

कुदाशेव ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि रूस चाहेगा कि अफगानिस्तान में समावेशी सरकार हो जो सुरक्षा, स्थिरता सुनिश्चत कर सके। उन्होंने कहा कि काबुल में किसी नयी सरकार को मान्यता देने का मुद्दा अभी प्राथमिकता में नहीं है।

रूसी राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान पर भारत और रूस के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं और दोनों पक्षों ने वहां के घटनाक्रम पर एक दूसरे से संपर्क साध रखा है।

कुदाशेव ने कहा, ‘‘भारत और रूस दोनों अफगानिस्तान के हालात को लेकर चिंतित हैं। हम समावेशी सरकार चाहते हैं। हम चाहते हैं कि अफगानिस्तान की भूमि का क्षेत्र के अन्य देशों में आतंकवाद फैलाने के लिए उपयोग नहीं होना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ये बहुत बुनियादी मूल्य हैं जो रूस तथा भारत को साथ लाते हैं। मैं अफगानिस्तान पर हमारे रुख में ज्यादा अंतर नहीं देखता।’’

जब राजदूत से पूछा गया कि क्या रूस, अफगानिस्तान से आतंकवाद फैलने के संभावित खतरे को लेकर चिंतित है तो उन्होंने जवाब दिया, ‘‘निश्चित रूप से’’।

अफगानिस्तान में संचालित अनेक आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान के समर्थन के बारे में पूछने पर कुदाशेव ने कहा कि रूस को लगता है कि पाकिस्तान उन देशों में शामिल है जो अफगानिस्तान में सुरक्षित माहौल देखना चाहेगा।

तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे अनेक आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों में वृद्धि की आशंका को लेकर भारत में चिंताएं बढ़ रही हैं।

कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने वरिष्ठ तालिबान नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानेकजई से बीते मंगलवार को दोहा में मुलाकात की थी। बैठक में मित्तल ने स्तानेकजई से कहा कि अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए।




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