वाशिंगटन, 25 सितंबर (भाषा) : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पहली बार आमने-सामने की बैठक के बाद कहा कि भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और दोनों देश मिलकर मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में शुक्रवार को दोनों नेताओं की मुलाकात निर्धारित 60 मिनट के बजाय 90 मिनट से ज्यादा चली। बाइडन ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ तस्वीर साझा की जिसमें वह उनसे हाथ मिलाते दिखे। उन्होंने लिखा, ‘‘आज सुबह मैंने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी की मेजबानी की और हम भारत-अमेरिका संबंधों के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं। दोनों देश दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और हम मिलकर सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति बाइडन के साथ एक ‘‘सार्थक’’ बैठक की। उन्होंने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर उनका नेतृत्व प्रशंसनीय है। हमने चर्चा की कि कैसे भारत और अमेरिका विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाएंगे और कोविड-19 एवं जलवायु परिवर्तन जैसी प्रमुख चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करेंगे।’’
बाद में मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों नेताओं ने स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी, लोकतांत्रिक मूल्यों और सामरिक हितों के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर टिकी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बैठक गर्मजोशी से भरी और सौहार्द्रपूर्ण माहौल में हुई। यह सार्थक और सामयिक दोनों थी।’’
उन्होंने उल्लेख किया कि चर्चा व्यापक स्तर पर हुई और कहा कि दोनों नेताओं ने कोविड-19 संकट से निपटने पर जोर दिया और एक दूसरे को महामारी से निपटने के अपने अनुभवों से अवगत कराया। श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत में महामारी की दूसरी लहर के दौरान अमेरिका की सरकार और वहां के नागरिकों द्वारा दिखाई गई एकजुटता और समर्थन के लिए धन्यवाद व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति बाइडन ने एक ऐसे देश के रूप में भारत की भूमिका की सराहना की जिसने फार्मास्यूटिकल्स और टीके के माध्यम से दुनिया भर के देशों को सहायता प्रदान की।’’ राष्ट्रपति बाइडन ने टीकों पर चर्चा के दौरान अक्टूबर में टीकों का निर्यात फिर से शुरू करने के भारत सरकार के निर्णय की सराहना की। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भी अपने टीकों के वितरण में उल्लेखनीय वृद्धि की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि इनका जिक्र क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान भी हुआ।
श्रृंगला ने कहा कि निश्चित रूप से इस दौरान यही भाव था कि भारतीय टीके में गुणवत्ता है और वे सस्ती भी हैं, जिनके उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की जाएगी और टीकों की उपलब्धता से विकासशील देशों में टीका असमानता से निपटने में मदद मिलेगी।
बाद में एक फैक्ट शीट में व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका और भारत स्वतंत्रता, बहुलवाद, खुलेपन और मानवाधिकारों के सम्मान के मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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