बीजिंग, 29 सितंबर (एपी) : बीजिंग ने बुधवार को कहा कि वह पैसेफिक रिम (प्रशांत महासागर से लगा भौगोलिक क्षेत्र) के देशों की एक व्यापार पहल में शामिल होने के लिए ताइवान द्वारा सौंपे गए आवेदन को रोक देगा। चीन ने इसकी वजह ताइवान द्वारा खुद को चीन का हिस्सा ना मानना बताया है।
चीन के मंत्रिमंडल के ताइवान मामलों के कार्यालय ने बुधवार को कहा कि क्षेत्रीय व्यापार सहयोग में ताइवान की भागीदारी ‘एक चीन के सिद्धांत’ पर आधारित होगी।
कार्यालय की प्रवक्ता झू फेंग्लियन ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम ताइवान क्षेत्र के आधिकारिक प्रकृति की किसी भी व्यापार व्यवस्था (समझौते) में हिस्सा लेने या आधिकारिक प्रकृति के किसी भी व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने का विरोध करते हैं।’
चीन लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और कहता रहा है कि जरूरत पड़ी तो वह बल के जरिए उस पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लेगा। उसने ताइवान की सरकार को मान्यता नहीं दी है और उसे अलग-थलग करने की कोशिश करता रहा है।
ताइवान ने 23 सितंबर को घोषणा की थी कि उसने ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप में शामिल होने के लिए आवेदन दिया है। इससे एक हफ्ते पहले चीन ने भी इसमें शामिल होने के लिए अपना आवेदन सौंपा था।
ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप 2018 में प्रभावी हुआ था। इसके 11 सदस्यों में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, कनाडा, चिली, जापान, मलेशिया, मेक्सिको, पेरू, सिंगापुर, वियतनाम और न्यूजीलैंड शामिल हैं।
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