बैंकाक, 17 दिसंबर (एपी) : म्यांमा की सेना और जातीय समूह के छापामार लड़ाकों के बीच जारी लड़ाई की वजह से करीब 2,500 ग्रामीण म्यांमा से पलायन कर थाईलैंड की सीमा में दाखिल हो गए हैं। यह जानकारी थाई सेना के एक सैन्य अधिकारी ने शुक्रवार को दी।
उन्होंने बताया कि इस साल अप्रैल के बाद लोगों का म्यांमा से थाईलैंड के लिए यह सबसे बड़ा पलायन है। इससे पहले अप्रैल में म्यांमा की सेना द्वारा अल्पसंख्यक कारेन जातीय समूह के इलाके में हवाई हमले करने के दौरान हजारों की संख्या में ग्रामीण थाईलैंड की सीमा में चले आए थे। हालांकि, कुछ दिन थाईलैंड में रहने के बाद वे लौट गए थे।
कारेन कई नस्लीय अल्पसंख्यक समूहों में से एक हैं जो वर्षों से अधिक स्वयत्तता की मांग को लेकर म्यांमा की केंद्रीय सरकार से छापामार युद्ध लड़ रहे हैं।
पश्चिमी सीमा में तक सूबे में तैनात थाई सेना के अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार से अब तक करीब 2500 ग्रामीणों ने दोनों देशों की सीमा निर्धारित करने वाली मोई नदी पार की और शरण के लिए थाईलैंड के माई सोत जिला आए हैं।
पहचान गुप्त रखते हुए अधिकारी ने बताया कि आने वालों में से अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं जिन्हें आवास, भोजन जैसी सुविधाएं मानवीय आधार पर दी गई हैं और उनकी कोविड-19 जांच की जा रही है।
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