नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) भारत और सिंगापुर ने बुधवार को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की और क्षेत्र से संबंधित अंतरराष्ट्रीय तथा रणनीतिक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
दोनों पक्षों ने डिजिटल तरीके से आयोजित ‘15वें भारत-सिंगापुर विदेश कार्यालय विचार-विमर्श’ में शिरकत की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों के समूचे पहलू की समीक्षा की और संतोष व्यक्त किया कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद विशेष रूप से व्यापार और रक्षा क्षेत्रों में संबंधों का विस्तार हुआ।
एक बयान में कहा गया, ‘‘प्रतिनिधिमंडल ने दोनों देशों के बीच आर्थिक जुड़ाव को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने और लोगों के आपसी संपर्क फिर से शुरू करने पर भी चर्चा हुई।’’ विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत-प्रशांत क्षेत्र में आसियान-भारत संबंधों और भारत-सिंगापुर सहयोग से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई।’’
सिंगापुर ने 2021-2024 तक तीन साल की अवधि के लिए आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) में भारत के लिए ‘समन्वयक देश’ के रूप में पदभार संभाला है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘क्षेत्र से संबंधित अंतरराष्ट्रीय और रणनीतिक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।’’
बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) रीवा गांगुली दास ने किया और सिंगापुर पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में स्थायी सचिव ची वी किओंग ने किया।
भाषा आशीष पवनेश
पवनेश
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