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एनआईए ने जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों के खिलाफ 56 स्थानों पर मारे छापे


सोम, 09 अगस्त 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

श्रीनगर, आठ अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी से जुड़े सदस्यों के खिलाफ रविवार को 56 स्थानों पर छापे मारे। करीब दो साल पहले केंद्र ने आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत इस धार्मिक समूह पर प्रतिबंध लगाया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े एक मामले की जांच के संबंध में एनआईए ने पुलिस और सीआरपीएफ के साथ मिलकर कश्मीर के सभी 10 जिलों और जम्मू क्षेत्र में रामबन, किश्तवाड़, डोडा और राजौरी जिलों में जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों के 56 ठिकानों पर संयुक्त छापेमारी की।

प्रवक्ता ने कहा, ” प्रतिबंधित संगठन के पदाधिकारियों, सदस्यों और कथित तौर पर जमात-ए-इस्लामी द्वारा संचालित ट्रस्ट के कार्यालय परिसरों में आज तलाशी अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान, संदिग्धों के परिसर से विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।”

केंद्र ने फरवरी 2019 में आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत इस आधार पर जमात-ए-इस्लामी को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था कि वह आतंकवादी संगठनों के ‘‘करीबी संपर्क में’’ था और उसके पूर्ववर्ती राज्य में ‘‘अलगाववादी आंदोलन को बढ़ाने’’ की आशंका थी।

गृह मंत्रालय ने सुरक्षा मामलों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत इस समूह को प्रतिबंधित करने वाली अधिसूचना जारी की थी।

अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने से कुछ महीने पहले ही यह प्रतिबंध लगाया गया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी के सैकड़ों सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।

प्रवक्ता ने कहा, ” फरवरी 2018 में संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद जमात-ए-इस्लामी की अलगाववादी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए ने पांच फरवरी 2021 को एक मामला दर्ज किया था।”

एनआईए ने कहा कि इस संगठन के सदस्य कथित तौर पर लोगों की मदद एवं अन्य कल्याणकारी गतिविधियों के नाम पर घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ”जकात, और बैत-उल-माल” की आड़ में दान के जरिए धन जुटाते हैं, जिसका उपयोग हिंसक एवं अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने में किया जाता है।

एनआईए ने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है।

भाषा शफीक दिलीप

दिलीप




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