नैरोबी, 11 अगस्त (एपी) इथियोपिया की बड़ी संख्या में महिलाओं ने तिगरे के संघर्ष में देश की सेना और सहायक बलों के कर्मियों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा बुधवार को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कर्मियों ने बिना किसी डर के इन घटनाओं को अंजाम दिया।
रिपोर्ट की लेखिका डोनाटेला रोवेरा ने बताया, ‘‘सुरक्षा बलों के कर्मियों ने बिना किसी भय के इन अपराधों को अंजाम दिया क्योंकि उन्हें लगा कि कुछ भी करने की उनको छूट है।’’ रोवेरा ने कहा कि वह इस तरह की अटकलें नहीं लगाना चाहेंगी कि क्या किसी नेता ने महिलाओं से दुष्कर्म करने की छूट दी थी। रिपोर्ट में कहा गया कि इस अत्याचार का मकसद तिगरे के जातीय समूह के लोगों और महिलाओं को अपमानित करना था।
मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी ने कहा कि फरवरी और अप्रैल के बीच स्वास्थ्य केंद्रों में यौन उत्पीड़न के करीब 1200 से ज्यादा मामले आए। नौ महीने के संघर्ष में 60 लाख की आबादी वाले क्षेत्र में अधिकतर स्वास्थ्य केंद्रों को नष्ट कर दिया गया, इसलिए असल में इस तरह की कितनी घटनाएं हुईं इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। एमनेस्टी ने कहा कि जितने मामले आए हैं वह वास्तविक घटनाओं का महज एक हिस्सा होने का अनुमान है। कुछ महिलाओं ने कई दिनों या हफ्तों तक बंधक बनाकर कई लोगों द्वारा दुष्कर्म किए जाने का उल्लेख किया। वहीं 12 महिलाओं ने कहा कि उनके परिवार के सामने उनसे दुष्कर्म किया गया। इसके अलावा, पांच महिलाओं ने कहा कि घटना के वक्त वह गर्भवती थीं। दो महिलाओं ने सुरक्षाकर्मियों द्वारा बर्बरता की बात कही।
इथियोपिया और सहायक बलों के कर्मी जून में संघर्ष प्रभावित तिगरे से लौट गए लेकिन पश्चिमी तिगरे में अब भी उनकी मौजूदगी है।
इथियोपिया की सरकार ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को तिगरे क्षेत्र जाने की अनुमति नहीं दी है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय और इथियोपिया मानवाधिकार आयोग द्वारा कथित अत्याचारों की संयुक्त रूप से जांच की जा रही है।
एपी आशीष अमित
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