• 04 May, 2024
Geopolitics & National Security
MENU

अफगान नेतृत्व को तय करना है कि क्या उनमें लड़ने की राजनीतिक इच्छाशक्ति है : व्हाइट हाउस


गुरु, 12 अगस्त 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 12 अगस्त (भाषा) तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों को अपने कब्जे में लेने के बीच व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा कि यह अफगान नेतृत्व को तय करना है कि क्या उनके पास जवाबी कार्रवाई की राजनीतिक इच्छाशक्ति है या नहीं।

ऐसा दावा किया जा रहा है कि तालिबान ने अफगानिस्तान के 60 प्रतिशत हिस्से को अपने नियंत्रण में ले लिया है।

बाइडन प्रशासन ने कहा कि अफगान राष्ट्रीय बलों के पास तालिबान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की क्षमता और हथियार हैं। अमेरिका ने दो दशकों तक अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सेना को प्रशिक्षण दिया।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों के पास वापस लड़ने के उपकरण, पर्याप्त सैनिक और प्रशिक्षण है। उन्हें जिसकी जरूरत है वह सब उनके पास है। उन्हें यह तय करने की आवश्यकता है कि क्या उनमें लड़ाई का जवाब देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति है और क्या लड़ाई लड़ने के लिए नेताओं के तौर पर एकजुट होने की क्षमता है।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका युद्धग्रस्त देश में बिगड़ी सुरक्षा परिस्थितियों पर करीबी नजर रख रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अफगान बलों के साथ हवाई हमले करते रहेंगे। जैसा कि राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया है तो अफगान नेताओं को एक साथ आना होगा और देश का भविष्य असल में उनके कंधों पर है।’’

विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में उसके प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका की रणनीति बदल रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने हमारी सेना को वापस बुलाने का फैसला लिया। इसमें अफगानिस्तान के लोगों के अधिकारों के लिए हमारे समर्थन पर कुछ नहीं कहा गया और हम अफगानिस्तान के लोगों के लिए स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास करते रहेंगे, अभी हम कूटनीतिक प्रक्रिया के जरिए बात करते हैं।’’

प्राइस ने कहा कि दोहा में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमी खलीलजाद और उनकी टीम ने विस्तारित ट्रोइका की बैठक में भाग लिया। इसमें अमेरिका, रूस, चीन और पाकिस्तान शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इन देशों ने तालिबान पर हिंसा कम करने, गंभीरता से और तुरंत अफगान शांति वार्ता में शामिल होने के लिए जोर देने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम बिगड़ते सुरक्षा हालात को लेकर सतर्क हैं। और अभी हमारा ध्यान मैदान पर अफगान बलों का सहयोग करने पर है।’’

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा




चाणक्य फोरम आपके लिए प्रस्तुत है। हमारे चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें (@ChanakyaForum) और नई सूचनाओं और लेखों से अपडेट रहें।

जरूरी

हम आपको दुनिया भर से बेहतरीन लेख और अपडेट मुहैया कराने के लिए चौबीस घंटे काम करते हैं। आप निर्बाध पढ़ सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी टीम अथक प्रयास करती है। लेकिन इन सब पर पैसा खर्च होता है। कृपया हमारा समर्थन करें ताकि हम वही करते रहें जो हम सबसे अच्छा करते हैं। पढ़ने का आनंद लें

सहयोग करें
Or
9289230333
Or

POST COMMENTS (1)

Poonam Dave

अगस्त 12, 2021
क्या अफगान के पास ना लडने के अलावा कोई और विकल्प है??

Leave a Comment

प्रदर्शित लेख