इस्लामाबाद, नौ अगस्त (भाषा) पाकिस्तान पर तालिबान को सुरक्षित पनाहगाह और संचालन संबंधी सहायता प्रदान करने का आरोप लगने के कुछ दिनों बाद उसके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को कहा कि उनके देश को अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की विफलता के लिए बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
कुरैशी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘पड़ोसी देश (अफगानिस्तान) में शांति एक साझा जिम्मेदारी है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इससे पीछे नहीं हट सकता। हम कुछ कठोर बयानों को शांति और स्थिरता प्राप्त करने की इच्छा को अवरुद्ध नहीं होने देंगे।’
मंत्री संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत के हालिया बयानों का जिक्र कर रहे थे कि पाकिस्तान तालिबान को संचालन संबंधी सहायता और सुरक्षित पनाह प्रदान करके मदद कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को अफगानिस्तान की स्थिति पर एक बैठक की थी। पाकिस्तान को बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था।
उल्लेखनीय है कि 15 देशों की शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष वर्तमान में अगस्त महीने के लिए भारत है।
कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद का शिकार है।
उन्होंने कहा, ‘हमने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है… हम पीड़ित हैं..यह समझना होगा… हमारे 80,000 लोग हताहत हुए हैं और हमें आर्थिक नुकसान हुआ है।’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान किसी समूह या पार्टी को तरजीह दिए बिना अफगानिस्तान में शांति के लिए जोर दे रहा है।
कुरैशी ने कहा कि अफगान संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं है और केवल बातचीत से राजनीतिक समाधान ही आगे का रास्ता है।
भाषा कृष्ण नीरज
नीरज
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