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विश्व के नेताओं को धरती बचाने के लिए भावी पीढ़ी का साथ देना चाहिए: भारतीय छात्रा ने सीओपी26 में कहा


बुध, 03 नवम्बर 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

ग्लासगो, तीन नवंबर (भाषा) : प्रिंस विलियम्स द्वारा शुरू किये गये अर्थशॉट पुरस्कार की अंतिम चयनित प्रविष्टियों में शामिल, ऊर्जा संचालित आयरनिंग कार्ट परियोजना को आकार देने वाली 15 वर्षीय भारतीय छात्रा ने ग्लासगो में सीओपी26 कॉन्फ्रेंस में विश्व नेताओं के सम्मेलन को संबोधित किया और धरती को बचाने के लिए कार्रवाई करने का आह्वान किया।

तमिलनाडु की विनिशा उमाशंकर ने ‘एक्सिलरेटिंग क्लीन टेक्नोलॉजी इनोवेशन एंड डिप्लॉयमेंट’ विषयक सत्र में भाग लिया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार शाम को नयी दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले शामिल हुए।

विनिशा ने दुनिया के नेताओं, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, सिविल सोसाइटी और उद्योगपतियों का आह्वान किया कि उसकी पीढ़ी के साथ खड़े हों तथा धरती की दशा सुधारने के लिए काम करने वाली परियोजनाओं, नये प्रयोगों और समाधानों का समर्थन करें एवं कार्रवाई करने में भावी पीढ़ी का साथ दें।

उन्होंने कहा, ‘‘हम, अर्थशॉट पुरस्कार के विजेता और फाइनल में पहुंचे प्रतिभागी इस बात का प्रमाण हैं कि हमारी पृथ्वी के इतिहास में सबसे बड़ी चुनौती ही सबसे बड़ा अवसर भी है। हम मानवता के संज्ञान वाली नवोन्मेष की सर्वाधिक श्रेष्ठ लहर की अगुवाई कर रहे हैं।’’

विनिशा ने कहा, ‘‘हमें शिकायत के बजाय वह कार्रवाई करनी चाहिए जो हमें समृद्ध और स्वस्थ बनाए।’’

उन्होंने कहा ‘‘हम आपके कार्रवाई करने का इंतजार नहीं करेंगे। आप करें या न करें, हम आगे बढ़ेंगे। आप चाहे अतीत से जुड़े रहें, लेकिन हम भविष्य बनाएंगे। कृपया मेरी पहल को स्वीकार करें, मैं आपको आश्वासन देती हूं कि आपको पछतावा नहीं होगा।’’

उन्होंने हर दिन लाखों भारतीयों के कपड़े इस्त्री करने के लिए चारकोल से चलने वाली आयरन या प्रेस के सौर ऊर्जा संचालित विकल्प की अवधारणा तैयार की है जिसे ‘क्लीन अवर एयर’ श्रेणी में 10 लाख पाउंड के अर्थशॉट पुरस्कार की अंतिम सूची में जगह मिली है।

इससे पहले उन्होंने इस श्रेणी के भारतीय विजेता विद्युत मोहन के साथ प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। मोहन ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी से मिलना सम्मान की बात थी जो मेरी पुरस्कृत कृषि अपशिष्ट पुनर्चक्रण परियोजना के बारे में जानने को उत्सुक थे और उन्होंने कुछ बहुत उत्साहजनक शब्द इसके बारे में कहे।’’

मोहन की संस्था को फसलों की पराली को बिक्री योग्य जैव उत्पाद में बदलने वाली सस्ती, सुलभ तकनीक बनाने के लिए पिछले महीने पुरस्कृत किया गया था। ड्यूक ऑफ कैंब्रिज प्रिंस विलियम ने प्रतियोगता के विजेताओं से मुलाकात की।

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