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Geopolitics & National Security
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मानव रहित विमान : आसमान का विश्वस्त साथी

ब्रिगेडियर अरविंद धनंजयन (सेवानिवृत्त), सलाहकार संपादक रक्षा
मंगल, 28 सितम्बर 2021   |   8 मिनट में पढ़ें

तस्वीर स्रोत-theaustralian.com.au

काल्पनिक परिदृश्य- अगस्त 2025 : अखनूर के दक्षिण-पश्चिम में कहीं एक छोटे से बख्तरबंद कॉलम द्वारा घुसपैठ की खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) रिपोर्ट मिलने के बाद, एक यूएवी निगरानी मिशन के लिए जम्मू सेक्टर से वर्किंग बाउंड्री (डब्ल्यूबी) पर उड़ान भरता है। एक तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) पठानकोट में फॉरवर्ड बेस सपोर्ट यूनिट से उड़ान भरता है और लेवल-3 इंटरऑपरेबिलिटी का उपयोग कर अखनूर से 75 किमी दक्षिण पूर्व में यूएवी के सेंसर पेलोड का नियंत्रण हासिल करता है। एलसीए के लिए मानवरहित विंगमैन (यूडब्ल्यू) यूएवी, अखनूर से 20 किमी पश्चिम में तेजी से आगे बढ़ने वाले कॉलम का पता लगाता है और उसकी निगरानी करते हुए उसके लोकेशन डेटा की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करता है। एलसीए यूएवी से प्राप्त लोकेशन डेटा का उपयोग करते हुए डब्ल्यूबी को पार करते समय विरोधी की लड़ाकू टीम के प्रमुख टैंकों पर सटीक निशाना साधता है और घुसपैठ को नाकाम कर देता है।

उपरोक्त परिदृश्य यूएवी और तेजस एलसीए के बीच मानव युक्त और मानव रहित टीम (एमयूएमटी) की अवधारणा का उपयुक्त वर्णन करता है। वायु सेना की भाषा में मानव रहित विंगमैन (यूडब्ल्यू), एक मानव रहित उड़ान प्लेटफॉर्म है जो एक प्रतिस्पर्धी उड़ान वातावरण में मानवयुक्त विमान को सहयोग करने में सक्षम है। एमयूएमटी  की व्यापक अवधारणा में एक ऐसी नयी परिकल्पना समाहित है जो तीनों सेवाओं के ऑपरेशन में सहयोग करती है। यह लेख वर्तमान वायु सेना में मानव रहित विंगमैन (यूडब्ल्यू) में MUMT की अवधारणा को लेकर है।

क्या यूडब्ल्यू एक ऑपरेशनल जरूरत है?

मानव रहित हवाई प्रणाली (यूएएस) का उपयोग सटीक लक्ष्यभेद और युद्ध में सहयोग के लिए किया जाता है। इससे संघर्ष के दौरान जान का जोखिम कम होता है। हालांकि, तीव्र प्रतिस्पर्धा के युग में तेजी से बदलते संघर्ष परिदृश्यों के बीच यूएएस के लिए कमांड और नियंत्रण (सी2) व्यवस्था कमजोर पड़ जाती है क्योंकि विरोधियों द्वारा भौतिक/इलेक्ट्रॉनिक प्रयासों के कारण इसमें निरंतर और त्वरित निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। ये चुनौतियाँ यूएएस की प्रभावकारिता को कम करती हैं और महत्वपूर्ण परिचालन मिशनों को क्रियान्वित करने में सिस्टम पर निर्भरता को कम करती हैं, जिस पर सामरिक या परिचालन सफलता निर्भर करती है। ऐसे में जो जवाब सूझता है, वह है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्षमता के साथ पूरी तरह से स्वायत्त यूएएस, जो युद्ध से संबंधित विस्तृत जानकारियों को जुटाये एवं जरूरत के अनुसार प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई कर सके। इस तरह की अत्याधुनिक तकनीक हासिल करने में अभी भी कुछ समय लगेगा। इस संबंध में मानव संचालित और मानव रहित प्लेटफार्मों की जोड़ी सामरिक या परिचालन स्तर पर विशिष्ट कार्यों को हासिल करने के लिए एमयूएमटी की अवधारणा को जन्म देती है।

एरियल प्लेटफॉर्म के लिए एमयूएमटी : यूडब्ल्यू

हवाई प्लेटफार्मों के संबंध में, वायु और अंतरिक्ष शक्ति के सुधार/परिवर्तन के लिए नाटो थिंक-टैंक, द ज्वायंट एयर पॉवर कंपीटेंस सेंटर का मानना है कि यूडब्ल्यू अवधारणा के अंतर्गत पेश की जाने वाली तकनीक और क्षमताओं से भविष्य में किस तरह के विमान विकसित किए जा सकते हैं, या भविष्य के हवाई युद्ध को कैसे संचालित किया जा सकता है, इसके तरीके में क्रांतिकारी बदलाव की संभावना है।

नाटो के सैन्य कमांड एलाइड कमांड ट्रांसफॉर्मेशन (एसीटी) के अनुसार, यूडब्ल्यू को मानवयुक्त विमानों को स्ट्राइक के लिए सूचना देने वाले के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे हथियार वितरण (WD) प्लेटफॉर्म के रूप में भी जाना जा सकता है, जो विरोधी पर आयुध लॉन्च करने में सक्षम है। मानवयुक्त विमान के साथ UW को विरोधियों का ध्यान भटकाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह या तो विरोधी के हथियार को आकर्षित कर सकता है या दुश्मन को विचलित कर सकता है ताकि मानवयुक्त एयरक्राफ्ट बिना दुश्मन की निगाह में आये आगे बढ़ सके, इससे उसे नुकसान से बचाया जा सकता है। यूडब्ल्यू द्वारा निर्देशित ऊर्जा हथियारों के साथ विरोधी के ISR या C2 मशीनरी पर इलेक्ट्रॉनिक हमले (EA) की भी संभावना है। सर्च एंड रेस्क्यू (एसएआर) पेलोड के साथ यूडब्ल्यू को एक मानवयुक्त विमान द्वारा निर्देशित कर रेस्क्यू मिशन के लिए आपूर्ति भी भेजी जा सकती है। उपर्युक्त विवरण से यह पता चलता है कि यूडब्ल्यू के परिचालन की अपार संभावनाएं हैं और तीनों-सेवाओं के संदर्भ में देखा जाय तो यह और भी बेहतर है।

इंटरऑपरेबिलिटी के स्तर (एलओआई)

मानवयुक्त प्लेटफॉर्म (विमान) और यूडब्ल्यू के बीच संपर्क को एलओआई दर्शाता है। दोनों प्लेटफार्मों के उपयोग के स्तर, उपलब्ध डेटा लिंक और एमयूएमटी सिस्टम की तकनीकी क्षमता के आधार पर अलग-अलग एलओआई कॉन्फ़िगर किया जा सकता है। नाटो ने पांच एलओआई निर्धारित किए हैं, जो प्रथम दृष्टया, सभी तीन डोमेन के लिए यूनिवर्सल प्रयोज्य प्रतीत होते हैं।

(निम्न वर्णित एलओआई हवाई प्रणाली के लिए हैं)। जो इस प्रकार हैं:-

  • एलओआई 1. यूएएस के लिए रिले और/या नियंत्रण के रूप में काम करनेवाले तीसरे पक्ष के माध्यम से यूएएस इनपुट की अप्रत्यक्ष प्राप्ति।
  • एलओआई 2. यूएएस और मानवयुक्त विमान के बीच सीधा संचार, यूएएस आईएसआर के साथ/उक्त मानवयुक्त प्लेटफॉर्म के लिए विशेष रूप से हासिल किये गये टार्गेटिंग इनपुट।
  • एलओआई 3. एलओआई 2 के अलावा, मानवयुक्त विमान यूएएस के सेंसर पेलोड को भी नियंत्रित करता है।
  • एलओआई 4. यूएएस के संचालन के सभी पहलुओं पर पूर्ण नियंत्रण के अलावा लॉन्च और रिकवरी।
  • एलओआई 5. एलओआई 4 के साथ-साथ, यूएएस के लॉन्च और रिकवरी कार्यों पर अतिरिक्त नियंत्रण।

यूडब्ल्यू जब एक मानवयुक्त विमान के साथ मिलकर विज़ुअलाइज़्ड और असाइन की गई भूमिकाओं पर अमल करेंगे, तब उस पर ये एलओआई निर्भर करेंगे।

एमयूएमटी को शामिल करने के परिदृश्य विविध हो सकते हैं, क्योंकि इसकी अवधारणा ही सघन प्रौद्योगिकी केंद्रित है। मिशन की सफलता मानवयुक्त वायुयान की प्रौद्योगिकी और यूएएस पर निर्भर करेगी, जो अलग-अलग एलओआई पर आधारित हो सकती है। इसके अलावा, ऑपरेशन में विभिन्न विमान प्लेटफार्मों के साथ यूएएस के विभिन्न प्रकारों (मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहनों- यूसीएवी को शामिल करना) को शामिल करना होगा, जिससे योजना, रसद और निष्पादन में जटिलता बढ़ जाएगी। इसमें समान प्रकार और समान उड़ान प्रोफाइल के साथ MUMT को संयुक्त करने की आवश्यकता होगी। अलग-अलग एलओआई के बीच सहजता से सामंजस्य बिठाने के लिए दोनों के बीच मजबूत और सुरक्षित ब्रॉडबैंड टू वे टेरेस्ट्रियल और सैटेलाइट संचार/डेटा-लिंक की आवश्यकता होगी। एमयूएमटी मिशन की सफलता के लिए ‘संज्ञानात्मक संचार’, की आवश्यकता होगी जिसमें वायरलेस संचार संस्थाएं प्रचलित ईडब्ल्यू वातावरण के अनुकूल होने में सक्षम होंगी, एआई लगातार मान्यता/प्रसंस्करण क्षमताओं को अपग्रेड करने और आईएसआर तस्वीर/लक्ष्यीकरण डेटा में अव्यवस्था को फ़िल्टर करने में सक्षम होगी।

विश्व में एमयूएमटी से जुड़ी उपलब्धियां

o MUMT या UW की अवधारणा या पूर्ण परिचालन भविष्य में होनेवाले युद्धों को ध्यान में रखकर किया गया है।  यह अवधारणा कुछ प्लेटफार्मों पर लागू की जा रही है।

o अमेरिकी सेना का एएच-64 ई अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर यूएवी/यूसीएवी को नियंत्रित करने में और आईएसआर/स्ट्राइक मिशन में सक्षम है। ये मानवयुक्त प्लेटफॉर्म सुरक्षित डेटालिंक के माध्यम से आरक्यू-7 शैडो यूएवी या एमक्यू-1सी ग्रे ईगल यूसीएवी पर एलओआई 4 तक लागू कर सकते हैं।

o अमेरिकी वायु सेना ने UW को विकसित करने के लिए स्काईबोर्ग प्रोजेक्ट लॉन्च किया। 2020 तक, बोइंग, जनरल एटॉमिक्स, क्रेटोस अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स और नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन सहित इसी तरह के कई विकास के लिए कई फर्मों को अनुबंध दिए गए।

o पिछले साल मई में, बोइंग ने ‘लॉयल विंगमैन’ नामक एक MUMT सिस्टम के बारे में जानकारी दी। यह एक AI सक्षम UAV  है जिसे विशेष रूप से MUMT के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे विभिन्न मिशन प्रोफाइल के लिए कॉन्फ़िगर किया जा सकता है- प्रतिकूल परिस्थितियों में मानवयुक्त विमान के हित में ISR डेटा के प्रसारण से लेकर कार्रवाई के लिए उपयोग किया जा सकता है।

o रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फ़ोर्स (RAAF) और बोइंग भी F-35 लड़ाकू विमानों और अन्य RAAF मानवयुक्त प्लेटफार्मों के लिए एक UW विकसित कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य इन UW की मदद से हवाई प्रोफ़ाइल को बढ़ाना है। विशिष्ट मिशनों के लिए विभिन्न मानवयुक्त विमानों के साथ यूडब्ल्यू की टीम बनाकर संचालन में लचीलापन सुनिश्चित किया जाता है। लॉयल विंगमैन एडवांस्ड डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत इसी दशक में इस सिस्टम को शुरू करने का प्रस्ताव है।

o छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए फ्रांसीसी-जर्मन सहयोग से कम से कम एलओआई-4 तक की एमयूएमटी प्रौद्योगिकी को शामिल करने की योजना है।

यूडब्ल्यू के क्षेत्र में भारत की स्थिति

भारत ने बेंगलुरु स्थित स्टार्ट-अप, न्यूजस्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज के सहयोग से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित किए जा रहे कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम (CATS) के साथ MUMT  के क्षेत्र में प्रवेश की योजना बनाई है। इस विशिष्ट प्रणाली में एक मानवयुक्त विमान होगा जो ‘मदरशिप’ के रूप में कार्य करेगा और यूएवी/यूसीएवी अकेले या समूह में यूडब्ल्यू के रूप में कार्य करेगा। ये सीक्रेट बरकरार रखने में सक्षम (निम्न रडार क्रॉस-सेक्शन, आंतरिक पेलोड बे और मिश्रित सामग्री संरचना के अनुरूप) होंगे और सघन प्रतिस्पर्धा वाले हवाई वातावरण में मिशन शुरू करने के लिए कॉन्फ़िगर किए जाएंगे। ये यूडब्ल्यू सीएटीएस वारियर (सीडब्ल्यू), सीएटीएस हंटर (सीएच), सीएटीएस-एयर लॉन्च फ्लेक्सिबल एसेट (एएलएफए) और सीएटीएस इन्फिनिटी (सीआई) हैं। 2018 के मध्य से विकसित किये जा रहे इन यूडब्ल्यू के प्रोटोटाइप को इस साल एयरो-इंडिया 21 में प्रदर्शित किया गया। मानवयुक्त विमान के एक उन्नत तेजस एलसीए (एलसीए मैक्स) होने की संभावना है, जिसे पूर्व में लिखे गये एक अन्य लेख में विस्तार से बताया गया है। उसे @Chanakya Forum में https://chanakyaforum.com/lca-tejas-ready-to-touch-the-skies-with-glory/ में पढ़ा जा सकता है। UW को शुरू में एक उन्नत जगुआर स्ट्राइक एयरक्राफ्ट (जगुआर मैक्स) के साथ जोड़ा जाएगा जिसमें पायलट विशिष्ट कार्य सौंपने में सक्षम होगा। परिचालन में फ्लेक्सिबिलिटी के लिए यूएवी को अन्य मानवयुक्त विमानों के साथ भी संचालित किया जायेगा।

सीडब्ल्यू एक स्वायत्त यूसीएवी है। यह जुड़वा टर्बोजेट इंजनों द्वारा संचालित होता है, जो एलसीए तेजस के साथ-साथ यूडब्ल्यू के रूप में काम करेगा ताकि युद्ध के समय परिस्थितिजन्य जागरूकता और बेहतर उत्तरजीविता प्रदान की जा सके। सीडब्ल्यू उपयुक्त आईएसआर/ईडब्ल्यू पेलोड से लैस होगा और हवा से हवा में मिसाइल या हवा से जमीन पर मार करने वाले हथियारों को अपने साथ रखेगा। CW स्वयं 24 ALFA-S  ड्रोन लॉन्च करने में सक्षम होगा। सीडब्ल्यू भूमि या समुद्री प्लेटफार्मों से संचालन कर सकता है, परिणामस्वरूप यह भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और भारतीय नौसेना (आईएन) के लिए उपयोगी है।

सीएच एक स्टैंड-ऑफ एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल (एएलसीएम) होगा जिसे मानवयुक्त विमान संग एकीकृत किया जाएगा और यह वैकल्पिक रूप से 300 किमी रेंज वाले सिंगल वॉरहेड या कई हथियार ले जाने में सक्षम होगा। यह मार्गदर्शन के लिए उपग्रह नेविगेशन और टेराइन कंटावर मैचिंग (TERCOM) का उपयोग करेगा और स्वायत्त लक्ष्य प्राप्ति में सक्षम होगा। पेलोड डिलीवरी के बाद सीएच वापस आ सकेगा और पैराशूट के माध्यम से उतर सकेगा।

ALFA एक कैरियर UW होगा जिसमें ‘मदर शिप’ से लॉन्च के बाद 100 किमी रेंज के साथ AI सक्षम ALFA स्वार्म (ALFA-S) शस्त्र शामिल होगा। कैरियर से लॉन्च होने के बाद, ALFA-S, 5 से 8 किलोग्राम के वारहेड के साथ, स्वयं उड़ान भर सकता है और लॉक-ऑन से पहले स्वयं जमीनी-लक्ष्य को हासिल कर सकता है। एसयू 30 एमकेआई और जगुआर विमान दोनों अल्फा-एस को ले जाने में सक्षम होंगे। अगले साल पहली उड़ान संभव है तथा इस दशक के अंत तक इसे शामिल किये जाने की संभावना है।

CATS  के साथ एलसीए तेजस एयरो-इंडिया 21: 1-सीडब्ल्यू, 2-एएलएफए, 3-सीएच

स्रोत-infotonline.com

CI एक सौर ऊर्जा से चलने वाला अधिक ऊंचाई वाला ड्रोन है जो 3 महीने तक 70,000 फीट की ऊंचाई पर मंडरा सकता है। यह डीप-स्ट्राइक एरियल मिशन के लिए रीयल-टाइम ISR इनपुट प्रदान करने में सक्षम होगा और वास्तविक तौर पर आसमान पर नजर रखने वाला (आई-इन-द-स्काई) होगा। CI का कार्य MUNTRA UGV के लिए एक नियंत्रण और संचार प्लेटफॉर्म के रूप में है, जिसे @ Chanakya Forum  पर पूर्व के एक लेख https://chanakyaforum.com/unmanned-ground-vehicles-augmenting-our-frontline-warriors/  में विस्तार से दिया गया है। पहला प्रोटोटाइप 2025 तक पूरा होने की संभावना है।

CATS- सिस्टम कंपोनेंट्स: Source-wikimedia.org

CATS को विकसित करने के लिए HAL, DRDO, National Aerospace Laboratories (NAL) और निजी उद्योग सहित विभिन्न रक्षा संस्थाओं और PSU का समावेश किया गया है जो स्वदेशी रक्षा उद्योग में भारत के बढ़ते कदम का प्रमाण है।

निष्कर्ष

यूडब्ल्यू जैसी प्रौद्योगिकी में प्रगति का उद्देश्य मानव जाति पर युद्ध से होने वाले खतरे को कम करना है। सरल संचालन और सूचना/डेटा अधिभार के बीच एक महीन रेखा है। किसी भी तकनीक को सफल बनाने के लिए, पूर्व की स्थितियों पर निरंतर नजर रखी जानी चाहिए। CATS MUMT UW कार्यक्रम भारतीय रक्षा उद्योग के ताज में एक ऐसे नगीना के रूप में होगा जो भविष्य में विश्व की अग्रणी प्रौद्योगिकियों का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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लेखक
ब्रिगेडियर अरविंद धनंजयन (सेवानिवृत्त) एक आपरेशनल ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं और एक प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र के ब्रिगेेडयर प्रभारी रहे हैं। उनका भारतीय प्रशिक्षण दल के सदस्य के रूप में दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना में विदेश में प्रतिनियुक्ति का अनुभव रहा है और विदेशों में रक्षा बलों विश्वसनीय सलाहकार के रूप में उनका व्यापक अनुभव रहा है। वह हथियार प्रणालियों के तकनीकी पहलुओं और सामरिक इस्तेमाल का व्यापक अनुभव रखते हैं।

अस्वीकरण

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