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पाकिस्तान के साथ हुए 1971 के युद्ध में भारतीय सेना ने मानवता दर्शायी


बुध, 15 दिसम्बर 2021   |   < 1 मिनट में पढ़ें

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ हुए 1971 के युद्ध ने भारत की मानवता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया और 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों का आत्मसमर्पण दुनिया के इतिहास में एक ”ऐतिहासिक आत्मसमर्पण” था। इस युद्ध के चलते बांग्लादेश का गठन हुआ।

सिंह ने युद्ध लड़ने वाले भारतीय दिग्गजों के एक समूह और बांग्लादेश के ‘मुक्ति योद्धाओं” के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की।

युद्ध में भारत की विजय की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने कहा, ”यह युद्ध एक ‘न्याय युद्ध’ था, जिसके कारण एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का जन्म हुआ। यह युद्ध मानवता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दिखाने वाली एक लड़ाई थी।”

रक्षा मंत्री ने 1971 के युद्ध के नायक कर्नल होशियार सिंह की पत्नी के पैर भी छुए, जिन्हें भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

सिंह ने कहा, ” वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध में 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों का आत्मसमर्पण दुनिया के इतिहास में एक ऐतिहासिक आत्मसमर्पण था। युद्ध में भारत की जीत विश्व इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण जीत में से एक साबित हुई।”

समूह के दिग्गजों में 30 ‘मुक्ति योद्धा’ और सभी चार परमवीर चक्र विजेताओं और अन्य पुरस्कार विजेताओं के परिवार शामिल थे।

अपने संबोधन में सिंह ने सर्वोच्च बलिदान देकर 1971 के युद्ध में जीत सुनिश्चित करने वाले वीर सैनिकों, नौसैनिकों और वायु सेना के योद्धाओं को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

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