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4 जून 1989 की तारीख जिसे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी भूल जाना चाहती है

कमांडर संदीप धवन (सेवानिवृत्त)
शुक्र, 30 जुलाई 2021   |   3 मिनट में पढ़ें

80 के दशक में चीन  बहुत बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा था ! चीन की  कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेश के लिए खोल दिया था  और डेंग जिओपिंग जैसे नेताओं ने चीन को विकास और समृद्धि के मार्ग पर डाल दिया था ! उनके इस कदम से चीन की जनता का रहन सहन और जीवन स्तर  काफी बेहतर हो गया इससे  चीन में विकास की लहर से वहां की जनता की शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र में भी महत्व कांचा बनने लगी थी !

वहां के छात्र अपनी मांगों के लिए  आगे आ रहे थे !  चीन में किसी ने नहीं सोचा था कि यह छोटी सी चिंगारी इतने कम समय में इतनी बड़ी आग बन जाएगी !उसी समय इन मांगों को वहां के बड़े राजनीतिक नेता हूं याहूबैंग कि अचानक मृत्यु से और भी बढ़ावा मिल गया

याहूबैंग  चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के  जनरल सेक्रेटरी थे तथा राष्ट्रपति जिओपिंग के निकट सहयोगी थे ! उन्हें चीन को पूंजीवाद में प्रवेश कराने और चीन में माओजे़डोंग की गलतियों को सुधारने का भी श्रेय जाता है !

1987 में याहूबैंग  को बेज्जती के साथ हटाकर उन्हें एक सामान्य पार्टी कार्यकर्ता बना दिया गया था !  उनका केवल यही अपराध था कि वह चीन में आर्थिक उदारीकरण और वहां के छात्रों  की प्रजातांत्रिक व्यवस्थाकी मांग के  लिए सहानुभूति थी !

थिनमैन चौक बीजिंग शहर का एक प्रसिद्ध स्थल है और यह विश्व में भी प्रसिद्ध होने वाला था ! इसी समय 15 अप्रैल 1987 को  याह बैंग की मौत की खबर सुनकर हजारों छात्र  थिनमैन चौक पर एकत्रित होने लगे ! यह सब बोलने की और राजनीतिक विचार प्रकट करने की अधिक आजादी की मांग कर रहे थे !

दिन रात यहां पर भीड़ बढ़ने लगी और इन प्रदर्शनकारियों की संख्या 10 लाख से ज्यादा हो गई ! इतनी बड़ी भीड़ देखकर चीन की सरकार बौखला गई और उसे पता नहीं लग रहा था कि क्या किया जाए ! इस सब के बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में बहस छिड़ी के इन प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए क्या रास्ता अपनाना  चाहिए ! पार्टी में उदारवादी धड़ा छात्रों की मांग को मानने के पक्ष में था जबकि कठोर वादी सख्त कदमों के  पक्ष में थे ! आखिर में पठोर वादियों की विजय हुई !

21 मई 1989 को बीजिंग में मार्शल आर्डर लागू कर दिया गया ! 3– 4 जून तक वहां की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक  थिनमेन चौक की तरफ बढ़ने लगे ! इस दौरान उनका सामना प्रदर्शनकारियों से हुआ और इसमें इन सैनिकों ने अपने देश के नागरिकों पर  हथियारों से फायर किया जिसमें उनके भाई बहन भी थे और इसके परिणाम स्वरूप 10,000 से ज्यादा लोग मारे गए( ब्रिटिश राजदूत सर एलेन डोनाल्ड के  तार के अनुसार )और हजारों लोग घायल हो गए ! इस प्रकार इन छात्रों का प्रदर्शन पूरी तरह से कुचल दिया गया ! इसके बाद छात्र नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया और  कम्युनिस्ट पार्टी की द्वारा  प्रभुता स्थापित हो गई !     थिनमिन चौक की घटना के बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने संयम और संतुलित रवैया को  त्यागते हुए  फिर से सत्ता पर पकड़ मजबूत करते हुए क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया !

आज 32 वर्ष बाद भी चीन में बोलने की तथा हर प्रकार की आजादी पहले से भी कम है !

शी जिनपिंग ने चीन के लिए एक अलग समानांतर दुनिया बसा ली है ! जिसमें केवल चीन ही  स्थिति है ! यह तथ्य और भी मुश्किल गया है क्योंकि  थिनमिन  चौक पर प्रदर्शन करने वाले छात्र अब अपनी आयु के 50 वर्ष में पहुंच चुके हैं और अब वे अपने बच्चों को यह भी बताने की स्थिति में नहीं है कि  चौक में क्या हुआ था ! चीन में सोशल मीडिया है जिसमें राजनीतिक विचारों के अलावा सब कुछ दिया जा सकता है ! आजकल चीन में जिनपिंग रोबोटिक जैसी जनता पर शासन कर रहे हैं ! जिसमें युवक अपनी  किडनी तक को बेचकर आईपैड खरीद रहे हैं  परंतु आईपैड पर वह अंतरराष्ट्रीय खबरें नहीं देख सकते !

फ्राइड्रिक नेटीजन का कथन आज भी सत्य साबित हो रहा है कि चीन में व्यक्तिगत तौर पर कोई मूर्ख नहीं है परंतु सामूहिक रूप में सभी मूर्ख है और इसके कारण  वहां की जनता मजबूती से अपनी मांगों को सरकार के सामने नहीं उठा आ रही है !


लेखक
भारतीय नौसेना के एक अनुभवी कमांडर धवन ने 1988 से 2009 तक नौसेना में सेवा की।
वह एक समुद्री टोही पायलट और एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे। वह एक भू-राजनीतिक विश्लेषक हैं 
और विभिन्न ऑनलाइन वेबसाइटों और संगठनों के लिए लिखते हैं।

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POST COMMENTS (5)

vradhi

अगस्त 26, 2021
thanks sir for information

rajendra singh chauhan

अगस्त 23, 2021
चीन ये समजता है कि उसने जो थिनमेन्न चौक पर जो किया वो उसकी बोत बड़ी जीत थी मगर वो यह नहीं जानता कि जो सोच सरकार के प्रति जनता की है वो उसकी सोच से अधिक खतरनक है

Gaurav Kumar

अगस्त 08, 2021
we are lucky that we are living in a democratic country.

RAHUL SINGH

अगस्त 07, 2021
जनता का शासन जनता के लिए और जनता के द्वारा होना चाहिए । यह सायद वहां के मूर्ख सरकार को पता नहीं है। सांप, बिच्छू खायेंगे तो यहीं होगा ना ।

Jitender singh

अगस्त 07, 2021
right information from ck 👌👌👌

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